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कृषि भूमि पर चल रहे मैरेज गार्डन और वाटिकाएं

 

टैक्स चोरी कर सरकारी राजस्व पर डाल रहे डाका

बिना अनुमति चल कही अवैध गतिविधियों पर प्रशासन बना मूक

साभार : किरणों की किरण :-सुरेश बोहरा
निम्बाहेडा/ शहर में बिना भू-उपयोग परिवर्तन कराए और बिना अनुमति कृषि भूमि पर बरसों, से मैरेज गार्डन और वाटिकाओं का संचालन किया जा रहा है। शहर के विस्तार के साथ—साथ बाहरी इलाकों में कई विवाह स्थल बिना अनुमति और सुरक्षा मापदण्डों को अपनाए बिना ही संचालित किए जा रहे है जिससे नगरपालिका एवं, राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिना भू-रूपान्तरण करवाये कृषि भूमि पर कुसुम गार्डन और मीनाक्षी गार्डन ,केसर वाटिका सहित अन्य कई मैरिज गार्डन और वाटिकाओं में लंबे समय से वैवाहिक एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । गार्डन बुक करवाने वालों से भारी भरकम राशि वसूलने के बाद भी कम राशि शो कर सरकारी टैक्स चोरी की जा रही है।
अन कन्वर्टेड भूमि पर कृषि उपयोग के विद्युत कनेक्शन लेकर व्यवसायिक उपयोग कर विद्युत विभाग को भी नुकसान पहुंचा कर लोगों से 20 रुपये प्रति युनिट के दाम वसूल रहे हैं।
यह है नियम

  • कृषि भूमि पर मैरिज गार्डन का संचालन नहीं किया जा सकता है।
  • अगर जमीन कृषि भूमि है तो पहले उसके व्यावसायिक उद्देश्य के लिए डायवर्सन कराना जरूरी है।
    नगरपालिका स्थानीय प्रशासन और अन्य जिम्मेदार सरकारी विभागों द्वारा विवाह स्थलों में फायर एनओसी, सुरक्षा नियमों, साफ-सफाई, पार्किंग व्यवस्था व अन्य नियमों की पालना की और भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
    प्रशासन गंभीर नही
    बिना किसी वैध स्वीकृति एवं सुरक्षा मापदंडों को अपनाए जाने के बावजूद नगर में नागरिकों के जानमाल से खिलवाड़ कर चलने वाले मैरिज गार्डनों के प्रति कोई कार्रवाई नहीं किया जाना स्थानीय एवं जिला प्रशासन की विफलता को दर्शाता है, वहीं नगरपालिका भी सरकारी राजस्व के नुकसान के प्रति गंभीर नहीं है। प्रशासन अवैध संचालित मैरिज गार्डनों पर शिकंजा कसते हुए इन्हें जनहित में सीज करने की कार्रवाई को अंजाम दे।

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